हर जातक के मन में भविष्य के गर्त में क्या छुपा है यह जानने की जिज्ञासा सदैव बनी रहती है बालक के जन्म होते ही उसके माता पिता, परिजन ज्योतिषी के पास जाकर एक ही प्रश्न के करते हैं कि यह बालक भाग्यशाली है कि नहीं
कुंडली के भाग्यशाली योग
1 नवमेश नवम में स्थित हो तो जातक भाग्यशाली होता है
2- नवमेश केन्द्र, त्रिकोण या लाभ स्थान में उच्च राशि या मित्र राशि का हो तो जातक भाग्यशाली होता है
3- धनेश लाभ भाव में स्थित हो और दशमेश से युक्त या दृष्ट हो तो जातक भाग्यशाली होता है
4- भाग्येश और पंचमेश का परिवर्तन योग हो एवं दशमेश दशम में हो तो जातक भाग्यवान होता है।
5- लाभेश नवम भाव में , धनेश लाभ भाव मे , नवमेश धन भाव में हो एवं दशमेश से युत हो तो जातक भाग्यशाली होता है
6- तृतीयेश के साथ स्थित नवमेश पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तथा धनेश बलवान हो तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है
7- नवम भाव में शुक्र गुरु से युत, भाग्येश गुरु, शुक्र से युत तथा लग्नेश और धनेश पंचम भाव में स्थित हों अथवा नवम भाव में हों नवमेश लग्न में स्थित हो तो जातक भाग्यशाली होता है
8- भाग्येश चतुर्थेश के साथ हो तथा शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो जातक भाग्यशाली होता है
9- त्रिकोणेश शुक्र हो और उस पर शुभ ग्रहों या लग्नेश की दृष्टि हो तो जातक भाग्यवान होता है
10-लग्न में चन्द्रमा और शुक्र हो तथा दोनों बलवान हों तो जातक भाग्यवान होता है
भाग्योदय वर्ष ज्ञान
भाग्येश सूर्य हो तो 22 वें वर्ष में भाग्योदय होता है
भाग्येश चन्द्र हो तो 24 वें वर्ष में भाग्योदय होता है
भाग्येश मंगल हो तो 22वें वर्ष में भाग्योदय
होता है
भाग्येश बुध हो तो 32वें वर्ष में भाग्योदय
होता है
भाग्येश गुरु हो तो 16वें वर्ष में भाग्योदय होता है
भाग्येश शुक्र हो तो 25वें वर्ष में भाग्योदय
होता है
भाग्येश शनि हो तो 36वें वर्ष में भाग्योदय होता है
भाग्येश राहु अथवा केतु हो तो 42वें वर्ष में भाग्योदय होता है होता है
कुंडली के भाग्यशाली योग
1 नवमेश नवम में स्थित हो तो जातक भाग्यशाली होता है
2- नवमेश केन्द्र, त्रिकोण या लाभ स्थान में उच्च राशि या मित्र राशि का हो तो जातक भाग्यशाली होता है
3- धनेश लाभ भाव में स्थित हो और दशमेश से युक्त या दृष्ट हो तो जातक भाग्यशाली होता है
4- भाग्येश और पंचमेश का परिवर्तन योग हो एवं दशमेश दशम में हो तो जातक भाग्यवान होता है।
5- लाभेश नवम भाव में , धनेश लाभ भाव मे , नवमेश धन भाव में हो एवं दशमेश से युत हो तो जातक भाग्यशाली होता है
6- तृतीयेश के साथ स्थित नवमेश पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तथा धनेश बलवान हो तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है
7- नवम भाव में शुक्र गुरु से युत, भाग्येश गुरु, शुक्र से युत तथा लग्नेश और धनेश पंचम भाव में स्थित हों अथवा नवम भाव में हों नवमेश लग्न में स्थित हो तो जातक भाग्यशाली होता है
8- भाग्येश चतुर्थेश के साथ हो तथा शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो जातक भाग्यशाली होता है
9- त्रिकोणेश शुक्र हो और उस पर शुभ ग्रहों या लग्नेश की दृष्टि हो तो जातक भाग्यवान होता है
10-लग्न में चन्द्रमा और शुक्र हो तथा दोनों बलवान हों तो जातक भाग्यवान होता है
भाग्योदय वर्ष ज्ञान
भाग्येश सूर्य हो तो 22 वें वर्ष में भाग्योदय होता है
भाग्येश चन्द्र हो तो 24 वें वर्ष में भाग्योदय होता है
भाग्येश मंगल हो तो 22वें वर्ष में भाग्योदय
होता है
भाग्येश बुध हो तो 32वें वर्ष में भाग्योदय
होता है
भाग्येश गुरु हो तो 16वें वर्ष में भाग्योदय होता है
भाग्येश शुक्र हो तो 25वें वर्ष में भाग्योदय
होता है
भाग्येश शनि हो तो 36वें वर्ष में भाग्योदय होता है
भाग्येश राहु अथवा केतु हो तो 42वें वर्ष में भाग्योदय होता है होता है
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