सर्व-ग्रह दोष शांत करने का सबसे आसान उपाय करके तो देखिऐ ईश्वर के कार्य में सहयोगी बनें पशु पक्षियों को आहार-पानी देकर कुंडली में दूषित ग्रहों के प्रभाव से सहज बचा जा सकता है।
इस कार्य को करने से हम प्रभु के कृपा पात्र ही नहीं बनते हैं बल्कि हम ईश्वर का प्रतिनिधी बनकर ईश्वर का कार्य ही करते हैं। सोचिए भूखे-प्यासे को भोजन-पानी देना तो भगवान का ही कार्य है ना और भगवान का कार्य करने वाले को सारी परेशानियों और प्रारब्ध के दोषों से ईश्वर स्वयं रक्षा करता है तथा पाप क्षीण हो जाते हैंं ,पुण्यों की प्राप्ति होती है। पापों के क्षरण होते ही दैहिक ,दैविक , और भौतिक कष्ट समाप्त होने लगते हैं।
-:लाभ:-
1-आपके मन में अक्सर भय सा या बेचैनी-सी रहती है।
2-आपके काम ठीक समय पर पूरे नहीं होते या पूरे होते-होते रुकते हैं।
3-पारिवारिक क्लेश (विवाद) नियमित रूप से चलता रहता है।
4-परिवार में सदैव किसी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है।
5-भरकस परिश्रम करने पर भी धनोपार्जन करना मुश्किल हो रहा है।
6-एक नई परेशानी हल होने से पहले दूसरी तैयार रहती है।
7- कर्ज या खर्च से परेशान है,बचत नहीं हो पा रही।
तो निश्चिन्त हो कर आपको पशु पक्षियों को दाना-पानी डालना शुरू कर दें चमत्कार होने लगेगा । आनंद की प्राप्ति होगी और आपके जीवन के सारे कष्ट दूर होने लगेंगे।
चींटिंयों, चिड़ियों, गिलहरियों, कबूतर, तोता, कौआ और अन्य पक्षियों के झुंड, मछलियाँ और गाय, कुत्तों आदि को नियमित दाना-पानी देने से आपको मानसिक शांति, आरोग्यता और तरक्की प्राप्त होगी।
ग्रह-बाधा के लिए
सूर्य- गेहूं ,घी या पका हुआ भोजन खिलाने से सूर्य की पीड़ा दूर होती है, पित्र-दोष शांत होने लगते हैं।
चंद्र- चावल बाँटने या पानी पिलाने से चंद्र की पीड़ा और मानसिक परेशानियां दूर होकर शांति मिलती है।
मंगल-दोष- लाल गाय को गुड खिलाने से मंगल दोष कम होते हैं भाई , मित्र, और पार्टनर से सहयोग मिलता है।
बुध- मूंग की दाल और हरी घास से बुध ग्रह से होने वाली परेशानियों से निजात पाई जा सकती है। बोद्धिक विकास और है व्यापार में वृद्धि होती है।
गुरू- चने की दाल गाय को खिलाने से गुरु की कृपा प्राप्त होती है वैवाहिक, शिक्षा, संतान के सुख में लाभ मिलता है
शुक्र- पशु पक्षियों को ज्वार खिलाने से शुक्र ग्रह की पीड़ा दूर होती है सौन्दर्य,लग्जरी सुविधा,प्रेम, और कामसुख आदि प्राप्त होते हैं।
शनि- काली उर्द की दाल या उससे सरसों के तेल मिश्रित भोजन कुत्तों को खिलाने से शनि के दोष दूर होते हैं जीवन की रुकावटें दूर होती हैं।
राहु- कुंडली में यदि राहु- की परेशानी हो तो पक्षियों को बाजरा डालना चाहिए या कुत्तों का संरक्षण करना चाहिए। कौओं और कुत्तों को ग्रास देने से शनि, राहु प्रसन्न होते हैं।
केतु- मछलियों को सात प्रकार के अनाज (आटे) की गोलियां खिलाने से केतु सकारात्मक हो जाता है।
विशेष-लाभ
1- गरीबों को नित्य भोजन बाँटने और मदद देने से धन-धान्य बढ़ता है।
2- प्रत्येक अमावस्या-पूर्णिमा को दरिद्र या विद्वान ब्राह्मण या भानजों को षठरस भोजन कराके दक्षिणा देने से पित्र-दोष, पित्र-श्राप, अनाधिकृत धनोपार्जन का दोष कम हो जाता है तथा समस्त सुख-संपदाओं की प्राप्ती होती है।
अति-विशेष
जो भी मनुष्य नियमित भोजन से पहले पंच-ग्रास यानि गाय, कुत्ता-बिल्ली, कागा, चींटी, और मछलियों का भोजन कराता है तो इसी जीवन में "राज-सुख" , वैभव , आरोग्य , सम्मान , और स्वर्ग को प्राप्त करता है।
परन्तु ध्यान रखें ये कार्य एक-दो बार करने से उचित लाभ नहीं मिलता। श्रद्धा-विस्वास से नियमित करते रहने से ही सम्पूर्ण पाप क्षीण होकर पुण्य की वृद्धि होती है और धीरे-धीरे समस्त सुख प्राप्त होने लगते हैं। धैर्यपूर्वक करते रहें फल तो ईश्वर देगा ही।
इस कार्य को करने से हम प्रभु के कृपा पात्र ही नहीं बनते हैं बल्कि हम ईश्वर का प्रतिनिधी बनकर ईश्वर का कार्य ही करते हैं। सोचिए भूखे-प्यासे को भोजन-पानी देना तो भगवान का ही कार्य है ना और भगवान का कार्य करने वाले को सारी परेशानियों और प्रारब्ध के दोषों से ईश्वर स्वयं रक्षा करता है तथा पाप क्षीण हो जाते हैंं ,पुण्यों की प्राप्ति होती है। पापों के क्षरण होते ही दैहिक ,दैविक , और भौतिक कष्ट समाप्त होने लगते हैं।
-:लाभ:-
1-आपके मन में अक्सर भय सा या बेचैनी-सी रहती है।
2-आपके काम ठीक समय पर पूरे नहीं होते या पूरे होते-होते रुकते हैं।
3-पारिवारिक क्लेश (विवाद) नियमित रूप से चलता रहता है।
4-परिवार में सदैव किसी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है।
5-भरकस परिश्रम करने पर भी धनोपार्जन करना मुश्किल हो रहा है।
6-एक नई परेशानी हल होने से पहले दूसरी तैयार रहती है।
7- कर्ज या खर्च से परेशान है,बचत नहीं हो पा रही।
तो निश्चिन्त हो कर आपको पशु पक्षियों को दाना-पानी डालना शुरू कर दें चमत्कार होने लगेगा । आनंद की प्राप्ति होगी और आपके जीवन के सारे कष्ट दूर होने लगेंगे।
चींटिंयों, चिड़ियों, गिलहरियों, कबूतर, तोता, कौआ और अन्य पक्षियों के झुंड, मछलियाँ और गाय, कुत्तों आदि को नियमित दाना-पानी देने से आपको मानसिक शांति, आरोग्यता और तरक्की प्राप्त होगी।
ग्रह-बाधा के लिए
सूर्य- गेहूं ,घी या पका हुआ भोजन खिलाने से सूर्य की पीड़ा दूर होती है, पित्र-दोष शांत होने लगते हैं।
चंद्र- चावल बाँटने या पानी पिलाने से चंद्र की पीड़ा और मानसिक परेशानियां दूर होकर शांति मिलती है।
मंगल-दोष- लाल गाय को गुड खिलाने से मंगल दोष कम होते हैं भाई , मित्र, और पार्टनर से सहयोग मिलता है।
बुध- मूंग की दाल और हरी घास से बुध ग्रह से होने वाली परेशानियों से निजात पाई जा सकती है। बोद्धिक विकास और है व्यापार में वृद्धि होती है।
गुरू- चने की दाल गाय को खिलाने से गुरु की कृपा प्राप्त होती है वैवाहिक, शिक्षा, संतान के सुख में लाभ मिलता है
शुक्र- पशु पक्षियों को ज्वार खिलाने से शुक्र ग्रह की पीड़ा दूर होती है सौन्दर्य,लग्जरी सुविधा,प्रेम, और कामसुख आदि प्राप्त होते हैं।
शनि- काली उर्द की दाल या उससे सरसों के तेल मिश्रित भोजन कुत्तों को खिलाने से शनि के दोष दूर होते हैं जीवन की रुकावटें दूर होती हैं।
राहु- कुंडली में यदि राहु- की परेशानी हो तो पक्षियों को बाजरा डालना चाहिए या कुत्तों का संरक्षण करना चाहिए। कौओं और कुत्तों को ग्रास देने से शनि, राहु प्रसन्न होते हैं।
केतु- मछलियों को सात प्रकार के अनाज (आटे) की गोलियां खिलाने से केतु सकारात्मक हो जाता है।
विशेष-लाभ
1- गरीबों को नित्य भोजन बाँटने और मदद देने से धन-धान्य बढ़ता है।
2- प्रत्येक अमावस्या-पूर्णिमा को दरिद्र या विद्वान ब्राह्मण या भानजों को षठरस भोजन कराके दक्षिणा देने से पित्र-दोष, पित्र-श्राप, अनाधिकृत धनोपार्जन का दोष कम हो जाता है तथा समस्त सुख-संपदाओं की प्राप्ती होती है।
अति-विशेष
जो भी मनुष्य नियमित भोजन से पहले पंच-ग्रास यानि गाय, कुत्ता-बिल्ली, कागा, चींटी, और मछलियों का भोजन कराता है तो इसी जीवन में "राज-सुख" , वैभव , आरोग्य , सम्मान , और स्वर्ग को प्राप्त करता है।
परन्तु ध्यान रखें ये कार्य एक-दो बार करने से उचित लाभ नहीं मिलता। श्रद्धा-विस्वास से नियमित करते रहने से ही सम्पूर्ण पाप क्षीण होकर पुण्य की वृद्धि होती है और धीरे-धीरे समस्त सुख प्राप्त होने लगते हैं। धैर्यपूर्वक करते रहें फल तो ईश्वर देगा ही।