बुधवार, 4 अप्रैल 2018

शरीर पर तिल होने का फल

शरीर पर विभिन्न अंगों पर तिल विचार


माथे पर -  बलवान हो ।

माथे के दाहिनी ओर -  धन हमेशा बढ़ता रहेगा।

माथे के बायीं ओर  जीवन में संकटों की अधिकता रह सकती है ।

ठुड्डी पर -  स्त्री से प्रेम न रहे, स्त्री से मनमुटाव रहे ।

दोनों भौहों पर -  अधिकांश समय यात्रा में बितेगा ।

दाहिनी आंख -  पराई स्त्री से प्रेम होना ,अच्छे प्रेम संबंध होना ।

बायीं आंख पर -  स्त्री से कलह होना ,घोर चिंता और दुख मिल सकता है ।

दाहिनी गाल पर -  धनवान, किन्तु घमंडी होए ।

बायीं गाल पर -  खर्च बढता रहे।

होंठ पर -  विषय-वासना में रमा रहे, कामुक हो।

होंठ के नीचे -  निर्धनता हो सकती है।

बाएँ कान के सामने की -  व्यक्ति रहस्यमयी होता है, ऐसे व्यक्ति का विवाह अधिक उम्र होने के पश्चात् होए।

बाएँ कान के पीछे -  व्यक्ति के ग़लत कार्यो के प्रति झुकाव हो।

दाँए कान के सामने -  व्यक्ति बहुत कम आयु में ही धनवान हो व्यक्ति का जीवन साथी सुंदर होए ।

दाँए कान के पीछे -  कान में किसी भी प्रकार के रोग होने की सम्भावना होए ।

गर्दन पर -  ऐशों आराम मिले ।
कंठ पर -  सुरीली आवाज़ का सूचक, संगीत में रूचि होए ।

गले पर और कहीं भी -  संगीत के शौक़ीन होते हैं परन्तु गले सम्बंधित रोग की भी सम्भावना बनती है ।

गले के पीछे -  रीढ़ सम्बंधित रोग हो सकते है ।

दाहिनी भुजा पर -  मान-प्रतिष्ठा प्राप्त हो ।

बायीं भुजा पर -  झगडालू होना ।

कोहनी पर तिल -  ज्ञान प्राप्त हो ।

दायें कन्धे पर तिल -  जातक बात का धनी, स्वाभिमानी होता है ।

बाएं कन्धे पर तिल -  जातक तुनकमिजाज, जल्दी गुस्सा करने वाला होता है ।

हाथ के अँगूठे पर तिल -  जातक मिलनसार, सच्चा होता है ।

हाथ की तर्जनी ऊँगली पर तिल -  धन और यश प्राप्त होता है ।

हाथ की मध्यमा (बीच की उँगली पर तिल)-  उत्तम लाभ, जीवन में सुख मिले ।

हाथ की अनामिका ऊँगली पर तिल -  धन, यश ज्ञान की प्राप्ति हो ।

हाथ की सबसे छोटी ऊँगली पर तिल -  जीवन में धन तो हो पर सुख में कमी रहे

नाक पर -  यात्रा बहुत होए ।

नाक के अग्र भाग पर -  लक्ष्य बना कर चलने वाला हो, विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होए ।

नाक के नीचे (मूछ वाली जगह )कहीं भी -  व्यक्ति विलासी होगा तथा नींद बहुत अधिक पसंद करेगा।
नाक के दाहिने हिस्से पर तिल -  जीवन में सुख मिले धन सम्पति की कमी ना हो

नाक के बाएं हिस्से पर तिल -  जीवन में संघर्ष हो, सफलता में अड़चने आये ।

दाहिनी छाती पर -  सुन्दर जीवन साथी मिले, दाम्पत्य जीवन सुखमय हो, धन लाभ भी बने ।

दाहिनी वक्ष पर -  जातक कामुक हो, इन्द्रियों को वश में रखे वर्ना बदनामी होने की संभावना ।

बायीं छाती पर -  हर्दय सम्बन्धी रोगों की सम्भावना, देर से शादी, स्त्री से मनमुटाव की आशंका ।

बाएँ वक्ष पर -  जातक कामुक हो, इन्द्रियों को वश में रखे वर्ना बदनामी होने की संभावना। (दोनों वक्षों पर तिल का एक ही प्रभाव है।)

दोनों छाती के बीच -  जीवन सुखी रहे ।

पेट पर -  उत्तम भोजन का इच्छुक ।

पेट के बीचो बीच -  डरपोक होगा ।

पीठ पर -  ज्यादातर यात्रा करनी पड़े ।

कमर में -  उम्र परेशानी में गुजरे ।

पुरूष के गुप्तांग पर -  पुरूष अधिक कामुक एवं एक से अधिक स्त्रियों से संपर्क में रहता है। शिथिल इन्द्रियों के रोग की सम्भावना|

स्त्री के गुप्तांग पर यदि बाएँ तरफ़ -  स्त्री अधिक कामुक होए , कम आयु से ही विपरीत लिंग के संपर्क में रहे अथवा इन्द्रियों सम्बंधित रोगों से पीड़ा की सम्भावना ।ऐसी स्त्रियाँ कन्या को अधिक जनम दें ।

स्त्री के गुप्तांग पर यदि दाँए तरफ़ -  यह भी अधिक कामुक होए, गुप्तांग में किसी प्रकार के रोग की आशंका । ऐसी स्त्रियाँ कन्या से अधिक पुत्र को जनम देती दें।


दाहिने हथेली पर -  बलवान हो ।

बायीं हथेली पर -  खूब खर्च करे,लेकिन ज्यादातर धन व्यर्थ जाये ।
दाहिने हाथ की पीठ पर -  धनवान हो ।

बाएं हाथ की पीठ पर -  कम खर्च करे ।

दाहिने पैर में -  बुद्धिमान हो ।

बाएं पैर में -  खर्च अधिक हो ।

पांव के तलवे में अंगूठे पर तिल -  खाँसी, कफ, दमा, टी.बी. की सम्भावना हो सकती है ।

पैरों के तलवों में ऊपर की ओर तिल -  आंत्र रोग से परेशानी हो ।

पैर के तलवों के मध्य तिल -  किडनी, मूत्ररोग से संबंधित रोग होने की संभावना ।

दायें पांव के अंगूठे के पास वाली अंगुली पर तिल -  दाईं आंख में रोग की आशंका ।

बाएं पांव के अंगूठे के पास वाली अंगुली पर तिल -  बाईं आंख में रोग का खतरा ।

एड़ी पर तिल -  यात्राओं से लाभ मिले ।

घुटने पर -  जोडो के दर्द, अस्थि रोगों की संभावना ।

कलाई पर -  ऐसे व्यक्ति को यश नही मिलता है। व्यक्ति को पुत्र कष्ट भी होता है।

दाँए कांख बगल में -  व्यक्ति बहुत धनवान किन्तु कंजूस भी होए।

बाएँ कांख बगल में -  खूब धन कमायें लेकिन रोग और भोग में धन की बर्बादी।

बाएँ कूल्हे (हिप्स) पर -  व्यक्ति को बवासीर, भगंदर सम्बन्धी रोगों की सम्भावना।

दाँए कूल्हे (हिप्स) पर -  व्यक्ति अपने व्यापार में बहुत आगे जाये ।

ध्यान रहे तिल का प्रभाव स्त्री एवं पुरूष दोनों के लिए एक समान ही होता है ।

मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

संतान प्रतिबंधक योग

1- तृतीय भाव का अधिपति और चंद्रमा केंद्र या त्रिकोण भावों में स्थित हो तो जातक को संतान सुख में बाधा होती है।

2- लग्न में मंगल, आठवें शनि और पंचम भाव में शनि हो तो भी जातक को संतान सुख में बाधा होती है।

3- बुध और लग्न भाव का अधिपति ये दोनों लग्न के अलावा केंद्र स्थानों में हो तो भी संतान सुख में बाधा होती है।

4- लग्न, अष्टम एवं बारहवें भाव में पापग्रह हो तो संतान सुख में बाधा उत्पन्न होती है।

5- सप्तम भाव में शुक्र, दशवें भाव में चन्द्रमा एवं सप्तम भाव में शनि या मंगल हो तो संतान सुख में बाधा होती है।

6- तीसरे भाव का अधिपति 1,2,3,5, वें भाव में स्थित हो तथा शुभ से युत या दृष्ट हो तो ऐसे जातक को संतान सुख में बाधा होती है।

रविवार, 1 अप्रैल 2018

मूलांक के अनुसार हो आपका पर्स, नहीं रहेगी धन की कमी

अंक ज्योतिष के अनुसार नंबर यानी मूलांक के अनुसार आप अपने पर्स में सामान रखते हैं तो आपको कभी पैसों की  समस्यां से सामना नहीं करना पडेगा। जानें किस मूलांक के जातक क्या रखें अपने पर्स में-

मूलांक -1.   (1,10,19,28)
अपने लाल रंग के वॉलेट या पर्स में एक 100 और 20 रुपये के एक एक नोट तथा 1 रुपये के सात नोट को नारंगी रंग के कागज में रखें। एक ताम्बे का सिक्का भी रखें।

मूलांक 2  (2,11,20,29)
अपने सफेद रंग के वॉलेट या पर्स में एक रुपये के दो और 20 रुपये का एक नोट चांदी की तार में लपेट कर रखें। एक चान्दी का सिक्का भी रखें।

मूलांक 3   (3,12,21,30)
अपने पीले या मेहन्दी रंग के वॉलेट या पर्स में दस रुपये के तीन नोट तथा 1 रूपये के तीन नोट को पीले रंग के कागज में रखें। एक गोल्डन फॉइल का तिकोना टुकडा भी रखें।

मूलांक 4  (4,13,22,31)
अपने भूरे रंग के वॉलेट या पर्स में दस रुपये के दो और 20 रुपये का दो नोट चन्दन का इत्र लगाकर रखें। अपने घर की चुट्की भर मिट्टी भी रखें।

मूलांक 5  (5,14,23)
अपने हरे रंग के वॉलेट या पर्स में पाँच रुपये का एक और 10 रुपये के पांच नोट एक हरे कागज में रखें। एक बेल का पत्ता भी रखें।

मूलांक 6  (6,15,24)
अपने चमकीले सफेद रंग के वॉलेट या पर्स में पाँच सौ रुपये का और 100 रुपये का एक एक नोट तथा 1 रुपये के छ: नोट को सिल्वर फॉइल में रखें। एक पीतल का सिक्का भी रखें।

मूलांक 7 (7,16,25)
अपने बहुरंगी वॉलेट या पर्स में एक रुपये के सात और 20 रुपये का एक नोट नारंगी रंग के कागज में रखें. एक मछली का चित्र अंकित किया हुआ सिक्का भी रखें।

मूलांक 8  (8,17,26) अपने नीले रंग के वॉलेट या पर्स में 100 रुपये का एक और 20 रुपये के चार नोट नीले रंग के कागज में रखें। एक मोर पंख का टुकडा भी रखें।

मूलांक 9 (9,18,27)
अपने नीले और नारंगी रंग के वॉलेट या पर्स में पांच रुपये का एक और दो रुपये के दो नोट चमेली का इत्र लगे नारंगी रंग के कागज में रखें। एक पीतल का सिक्का भी रखें।

विशिष्ट पोस्ट

नक्षत्र स्वामी के अनुसार पीपल वृक्ष के उपाय

ज्योतिष शास्त्र अनुसार प्रत्येक ग्रह 3, 3 नक्षत्रों के स्वामी होते है. कोई भी व्यक्ति जिस भी नक्षत्र में जन्मा हो वह उसके स्वामी ग्रह से स...