शनिवार, 31 मार्च 2018

ग्रहों की नाराजगी ऐसे दूर करें

1-सूर्य-

 भूल कर भी झूठ न
बोलें,सूर्य का गुस्सा कम हो जाएगा .झूठ क्या है ?झूठ वो है
जो अस्तित्व में नहीं है और यदि हम झूठ बोलेंगे
तो सूर्य को उसका अस्तित्व(Existence)
पैदा करना पडेगा (आश्चर्य की कोई बात
नहीं है -ये नौ ग्रह हमारे जीवन के
लिए ही अस्तित्व (existence)में आये हैं )सूर्य
का काम बढ़ जाएगा और मुश्किल भी हो जाएगा

2-चंद्रमा

जितना ज्यादा हो सके सफाई पसंद
हो जाईये ,और साफ़ रहिये भी -
चंद्रमा का गुस्सा कम हो जाएगा ।
चंद्रमा को सबसे ज्यादा डर राहू से लगता है .राहू अदृश्य
ग्रह है ,राहू क्रूर
है .हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी में
राहू गंदगी है .हम हमारे घर को, आसपास के
वातावरण को कितना भी साफ़ करें -उसमें ढूँढने जायेंगे
तो गंदगी मिल
ही जायेगी ,या हम हमारे घर और
आस पास के वातावरण को कितना भी साफ़ रखें
वो गंदा हो ही जाएगा और हम सब जानते हैं
कि गंदगी कितनी खतरनाक
हो सकती है और होती है --
ज़िंदगी के लिए ,न जाने कितने बेक्टीरिया ,
वायरस ,जो अदृश्य होते हुए
भी हमारी ज़िंदगी को भयभीत
कर देते हैं ,बीमार
करके ,ज़िंदगी को खत्म तक कर देते
हैं ,चंद्रमा (जो सबके मन को आकर्षित करता है स्वय राहू के
मन को भी) राहू से डरता है ।अतः यदि आप साफ़
रहेंगे तो चंद्रमा को अच्छा लगेगा और उसका क्रोध शांत रहेगा ।
चंद्रमा का गुस्सा उतना ही कम हो जाएगा ।

3-मंगल

-यह ग्रह सूर्य
का सेनापती ग्रह है भोजन में गुड है ।सूर्य गेंहू
है रविवार को गेहूं के आटे का चूरमा गुड डालकर बनाकर खाएं
खिलाये ,मंगल को बहुत अच्छा लगेगा ।सूर्य गेहूं है -मंगल गुड
है और घी चंद्रमा है ,अब तीनो प्रिय
मित्र हैं तो तीन मित्र मिलकर जब खुश होंगे
तो गुस्सा किसे याद रहेगा ।

4-बुध

बुध ग्रह यदि आपकी जन्म
पत्रिका में क्रोधित है तो बस तुरंत मना लीजिये --
गाय को हरी घास खिलाकर -
धरती और गाय दोनों शुक्र (Venus)ग्रह
का प्रतिनिधित्व करती है ।
हरी घास है जो बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व
करती है -बुध ग्रह का रंग हरा है ,वो बच्चा है
नौ ग्रहों में शारीरिक रूप से सबसे कमजोर और
बौद्धिक रूप में सबसे आगे आगे ।
घास है जो पृथ्वी के अन्य पेड़ पौधों के मुकाबले
कमजोर है बिलकुल बुध ग्रह की तरह , घास
भी शारीरिक रूप से बलवान
नहीं होती है मगर ताकत देने में कम
नहीं अतः बुध स्वरूप
ही है .हरी हरी घास से
सजी धरती कितनी सुंदर
और खुश दिखती है -घास =बुध और
धरती = शुक्र
इसी तरह गाय हरी -
हरी घास खा कर कितनी खुश
होती है
इसलिए - हरी- हरी घास =बुध ग्रह
और गाय (और धरती )= शुक्र
इसलिए गाय को हरी हरी घास खिलाएंगे
तो दो बहुत अच्छे दोस्तों को मिला रहे होंगे -
ऐसी हंसी खुशी के
वातावरण में हर कोई गुस्सा थूक देता है और बुध ग्रह
भी अपना क्रोध शांत कर लेंगे ।

5-बृहस्पति

चने की दाल parrots
को खिलादे बृहस्पति कभी गुस्सा नहीं करेंगे।
चने की दाल पीले रंग
की होती है और
बृहस्पति भी पीले रंग के हैं ।
बृहस्पति का भी घनत्व सौरमंडल में ज्यादा है और
चने की दाल
भी हलकी फुल्की नहीं होती पचाने
में हमारी आँतों को ज्यादा मेहनत
करनी पड़ती है ।
तोता हरे रंग का होता है .बुध ग्रह भी हरे रंग
का होता है ।
तोता भी दिन भर बोलता रहता है और बुध ग्रह
भी बच्चा होना के कारण बोलना पसंद करता है ।
अतः तोता =बुध ग्रह
और चने की दाल = बृहस्पति ग्रह
बुध ग्रह बृहस्पति के जायज पुत्र और चंद्रमा के नाजायज
पुत्र है।
बुध के पिता बृहस्पति हैं और बृहस्पति के चंद्रमा अच्छे मित्र
हैं और बृहस्पति की पत्नी तारा ने
चंद्रमा से नाजायज शारीरिक सम्बन्ध बनाकर बुध
ग्रह को जन्म दिया था इस बात से
बृहस्पति अपनी पत्नी तारा से नाराज़
रहते है और बुध की माँ से नाराज़ रहने के कारण
अपने जायज पिता बृहस्पति से बुध ग्रह नाराज़ रहता है ।इस
बात से बृहस्पति दुखी रहता है अतः जब
तोता जो बुध स्वरूप है जब चने की दाल खाकर पेट
भरेगा और खुश
होगा तो बृहस्पति को खुशी मिलेगी और
गुस्सा तो अपने आप कम हो जाएगा ।

6-शुक्र

 - यदि नाराज़ हो तो गाय
को रोटी खिलाओ .
सूर्य गेहूं है
और शुक्र गाय .
किस बलवान व्यक्ति को उसके खुद के अलावा कोई और
राजा हो तो अच्छा लगता है !
शुक्र को भी सूर्य के अधीन
रहना पसंद नहीं है अतः जब आप उसके शत्रु
सूर्य जो गेहूं को गाय जो शुक्र है को खिलाएंगे तो वो अपने आप
ही गुस्सा भूल जाएगा ।

7-शनि

 -जिस किसी से
भी नाराज़
हो तो उसकी पीड़ा तो बस वो खुद
ही जानता है .
शनि समानतावादी है .
ये बड़ा है और ये छोटा है ऐसी बातें शनि को क्रोधित
कर देती है
क्योंकि शनि सूर्य (राजा ) का पुत्र है और उसके पिता सूर्य ने
उसकी माँ का सम्मान नहीं किया इसलिए
शनि को अपनी माँ छाया से प्यार होने के कारण सूर्य
पर बहुत गुस्सा आता है --किसी का बड़े होने
का अहंकार ज़रा भी नहीं भाता है .
अतः जो सर्वहारा वर्ग (मेहनतकश लोग )है उसको खुश
रखो तो शनि खुद ही खुश हो जाएगा .आपको उन्हें
दान नहीं देना है क्योंकि शनि श्रम
का पुजारी है .शनि ईमानदार है और मेहनतकश लोग
भी दान लेने के बजाय मेहनत कर के खुश रहते
हैं अतः किसी मेहनतकश की मेहनत
का तन ,मन और धन से उचित सम्मान करने से शनि खुश
हो जाता है और खुश हो जाएगा तो गुस्सा तो कम
हो ही जाएगा ।

8-राहू

राहू के दिए दुःख गैबी होते हैं
(जिनका कारण समझ में ना आये ).
राहू स्वय अदृश्य रहता है .(अतः उसके दिए
दुखों को समझना भी मुश्किल है ).राहू एक
हिस्सा उसके शरीर का ऊपरी भाग
वो स्वय है और उसके नीचे का हिस्सा केतु है .
(समुद्र मंथन के समय छल से देवताओं का रूप धर अमृत
पीने जब वो आया तो विष्णु ने उसे पहचान लिया और
अपने सुदर्शन चक्र से उसके दो टुकड़े कर दिए (एक बूँद
अमृत उसके शरीर में
जा चुका था अतः उसकी मृत्यु
नहीं हुयी )(ऊपर का हिस्सा राहू
कहलाया और नीचे का हिस्सा केतु )।

शुक्रवार, 23 मार्च 2018

सरकारी नौकरी के योग एवं प्राप्ति के उपाय

1- लग्न पर बैठे किसी ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में सबसे अधिक प्रभाव रखने वाला माना जाता है। लग्न पर यदि सूर्य या चंद्र स्थित हो तो व्यक्ति शाषण से जुडता है और अत्यधिक नाम कमाने वाला होता है। खुद जानें कब आपके करियर को रफ्तार मिलेगी

2- चंद्र का दशम भाव पर दृष्टी या दशमेश के साथ युति सरकारी क्षेत्र में सफलता दर्शाता है। यधपि चंद्र चंचल तथा अस्थिर ग्रह है जिस कारण जातक को नौकरी मिलने में थोडी परेशानी आती है। ऐसे जातक नौकरी मिलने के बाद स्थान परिवर्तन या बदलाव के दौर से बार बार गुजरते है।

3- सूर्य धन स्थान पर स्थित हो तथा दशमेश को देखे तो व्यक्ति को सरकारी क्षेत्र में नौकरी मिलने के योग बनते है। ऐसे जातक खुफिया ऐजेंसी या गुप चुप तरीके से कार्य करने वाले होते है। यहां जानें कब लगेगी आपकी सरकारी नौकरी

4- सूर्य तथा चंद्र की स्थिति दशमांश कुंडली के लग्न या दशम स्थान पर होने से व्यक्ति राज कार्यो में व्यस्त रहता है ऐसे जातको को बडा औहदा प्राप्त होता है।

5- यदि ग्रह अत्यधिक बली हो तब भी वें अपने क्षेत्र से सम्बन्धित सरकारी नौकरी दे सकते है। मंगल सैनिक, या उच्च अधिकारी, बुध बैंक या इंश्योरेंस, गुरु- शिक्षा सम्बंधी, शुक्र फाइनेंश सम्बंधी तो शनि अनेक विभागो में जोडने वाला प्रभाव रखता है। पैसा कमाने की इच्‍छा रखने वाले लोग करें इनका पूजन

6- सूर्य चंद्र का चतुर्थ प्रभाव जातक को सरकारी क्षेत्र में नौकरी प्रदान करता है। इस स्थान पर बैठे ग्रह सप्तम दृष्टि से कर्म स्थान को देखते है।

7- सूर्य यदि दशम भाव में स्थित हो तो व्यक्ति को सरकारी कार्यो से अवश्य लाभ मिलता है। दशम स्थान कार्य का स्थान हैं। इस स्थान पर सूर्य का स्थित होना व्यक्ति को सरकारी क्षेत्रो में अवश्य लेकर जाता है। सूर्य दशम स्थान का कारक होता है जिस कारण इस भाव के फल मिलने के प्रबल संकेत मिलते है।पाराशरी सिद्धांत के अनुसार, दसवें भाव के स्वामी की नवें भाव के स्वामी के साथ दृष्टि अथवा क्षेत्र और राशि स्थानांतर संबंध उसके लिए विशिष्ट राजयोग का निर्माण करते हैं।
कुंडली में यदि केंद्र में चन्द्रमा, ब्रहस्पति एक साथ हैं तो उस स्थिति में भी सरकारी नौकरी के लिए शुभ योग बनता है। इसी प्रकार चन्द्रमा और मंगल भी अगर केंद्र में स्थित हैं तो सरकारी नौकरी की आशा बढ़ जाती हैं।
यदि व्यक्ति का लग्न मेष, मिथुन, सिंह, वृश्चिक, वृष या तुला है तो ऐसे में शनि ग्रह और गुरु(ब्रहस्पति) का एक-दूसरे से केंद्र या त्रिकोण में होना, सरकारी नौकरी के लिए अच्छा योग बनाते हैं।
कुंडली में दसवां स्थान को कार्यक्षेत्र के लिए जाना जाता है। सरकारी नौकरी के योग को जानने के लिए इसी घर का विश्लेषण किया जाता है। दसवें स्थान में यदि सूर्य, मंगल या ब्रहस्पति की दृष्टि पड़ रही होती है तो सरकारी नौकरी का प्रबल योग बनता है। अपवादस्वरूप यह भी देखने में आता है कि जातक की कुंडली में दसवें स्थान में तो यह ग्रह होते हैं किंतु फिर भी जातक को नौकरी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा होता है तो ऐसे में अगर सूर्य, मंगल या ब्रहस्पति पर किसी पाप ग्रह (अशुभ ग्रह) की दृष्टि पड़ रही होती है, तो जातक को सरकारी नौकरी प्राप्ति में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

नौकरी प्राप्त करने के कुछ सरल उपाय –

1 प्रतिदिन 40 दिनों तक सुबह नंगे पैर हनुमान जी के मंदिर में जाकर उन्हें लाल गुलाब का फूल चढ़ाएं। यह अचूक वैदिक उपाय शीध्र ही अच्छी नौकरी दिलवाने में सहायक होता है।

2 प्रतिदिन चन्दन की माला से 11 बार ओम् वक्रतंण्डाय हूं मंत्र का जाप करें। इससे उपाय से भी सरकारी नौकरी मिलने में सहायता प्राप्त होती है।

3 प्रत्येक सोमवार के दिन शिवजी के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर एक थैली कच्चा दूध तथा साबुत चावल चढ़ाएं और सच्चे मन प्रार्थना करें। ऐसा करने से नौकरी मिलने में आ रही हर तरह की बाधा का नाश होता है।

4 प्रत्येक सुबह पक्षियों को दाना देने से रोजगार और नौकरी की संभावना बढ़ जाती है। आप बाजरा या सात प्रकार के अनाजों का मिश्रण भी पक्षियों को दे सकते हैं। ऐसा करने से मनचाही नौकरी प्राप्त होती है।

5 नौकरी के लिए इंटरव्यू देने से पहले सुबह स्नान करते समय बाल्टी या टब में हल्दी मिलाकर स्नान करें और प्रभु के सामने 11 अगरबत्ती जलाकर अपनी सफलता की कामना करें।

6 यदि आप सरकारी नौकरी ही चाहते हैं, तो महीने के प्रथम सोमवार के दिन सूर्य के ढ़लते समय सफेद कपड़े में काले चावल और कुछ दक्षिणा को बांध कर काली माता के मंदिर में चढ़ाएँ। 11 महिने तक लगातार ऐसा करने से आपको मनचाही नौकरी व सरकारी नौकरी के अवसर प्राप्त हो जाएगें।
सरकारी नौकरी और अच्छे कारोबार की प्राप्ति के लिए घर में उड़ते हुए हनुमान जी की फोटो लगाएं।

7 कोई भी उपाय करने से नौकरी न मिल रही हो तो शुक्ल पक्ष में लगातार 21 दिनों तक कुंए में दूध डालें। कुंआ खाली या सूखा हुआ नहीं होना चाहिए।
नौकरी के प्राप्त करने के लिए घर से निकलते समय एक नींबू पर चार लौंग वारकर चारों दिशाओं में गाड़ दें और 108 बार ‘‘ओम् श्री हनुमते नमः’’ का जाप करें। और उस नींबू को अपने साथ ले जाएं। आपको नौकरी मिलने की संभावना प्रबल हो जाएगी।

8 नौकरी पाने के लिए घर से निकलते समय चना और गुड़ खाकर निकलें और रास्ते में किसी गाय को भी अपने हाथों से गुड-चना खिला दें। आपका काम अवश्य बन जाएगा।

9 प्रत्येक शनिवार को 108 बारी ‘‘ओम् शं शनैश्चराय नमः’’ का मंत्र जाप करें। इस उपाय से नौकरी मिलने में आ रही बाधा दूर हो जाती है।

10 नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के लिए घर से निकलते समय एक चम्मच दही और चम्मच चीनी मिलाकर और उसे खाकर घर से बाहर निकलें। ध्यान रहे कि घर से बाहर जाते समय सबसे पहले दायां पैर ही बाहर निकालें।

11 सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए गंगाजल को एक पीतल के लोटे में डालें और इसमें चांदी की धातु को डाल दें। फिर इस लोटे को अपने सिर के उपर से सात बार वार दें और इसे ईशान कोण में रख दें। इसके पश्चात 21 बार ओम् गंगाधराय नमः मंत्र का जाप करें।

12 यदि नौकरी की आशा धूमिल पड़ रही हो या नौकरी मिलते-मिलते रह जाती हो। तो शुक्ल पक्ष के महीने में गुड़ की 7 डलियां और 7 हल्दी की साबुत गांठे को एक रूपये के सिक्के के साथ किसी पीले वस्त्र यानि कपड़े में बांधकर सड़क या रेल लाइन के पार फेक दें। और मन में नौकरी की सच्ची प्रार्थना करें। इस उपाय से नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

बुधवार, 21 मार्च 2018

कौन से नाम का शहर मुझे सब से ज्यादा फायदेमंद होगा ? - वर्ग विन्यास

कौन से अक्षर नाम वाले जातक मेरे मित्र या शत्रु हो सकते है ?

कौन से नाम का शहर मुझे सब से ज्यादा फायदेमंद होगा ?

कौन से नाम से कंपनी रखू ?

इस प्रकार अनेक सवाल आते है ।

नामाक्षरों के आधार पर पारस्परिक मित्रता यस शत्रुता देखना की एक विद्या “वर्ग विन्यास” है ।


हिन्दी वर्णमाला के सभी स्वरो और व्यंजनो को आठ वर्गो में क्रमानुसार बांटा गया है वो निम्नलिखित है, साथ में अवकहड़ा चक्र अनुसार नामाक्षर नक्षत्र चरण भी प्रस्तुत कर रहा हु  :

गरुड़ वर्ग : अ, इ, ऊ, ए, ओ –- कृतिका 1,2,3,4, रोहिणी 1 ।

मार्जार वर्ग : क, ख, ग, घ, ङ –- मृगशिरा 3,4 आद्रा 1,2,3, पुनर्वसु 1,2 धनिष्ठा 1,2,3,4, शतभीषा 1, श्रवण 1,2,3,4।

सिंह वर्ग : च, छ, ज, झ, ञ –- अश्वनी 1,2,3, आद्रा 4, उत्तरा भादप्रद 3,4, रेवती 3,4 ।

श्वान वर्ग : ट, ठ, ड, ढ, ण – पुष्य 4, अश्लेषा 1,2,3,4, पूर्वा फाल्गुनी 2,3,4, उत्तरा फाल्गुनी 1,2, हस्त 3,4, पूर्वाषाढ़ 4 ।

सर्प वर्ग : त, थ, द, ध, न – स्वाति 4, विशाखा 1,2,3,4, अनुराधा 1,2,3,4, ज्येष्ठा 1, पूर्वाषाढ़ 2, पूर्वा भादप्रद 3,4, उत्तरा भादप्रद 1,2 रेवती 1,2 ।

मूषक वर्ग : प, फ, ब, भ, म – रोहिणी 2,3,4, मृगशिर 1,2, मघा 1,2,3,4, पूर्व फाल्गुनी 1, उत्तरा फाल्गुनी 3,4, हस्त 1, चित्रा 1,2, मूल 3,4, पूर्वाषाढ़ 1,3, उत्तराषाढ़ 1,2, (ब को व मानने के आधार पर) ।

मृग वर्ग : य, र, ल, व – अश्वनी 4, भरणी 1,2,3,4, रोहिणी 2,3,4, मृगशिर 1,2, चित्रा 3,4, स्वाति 1,2,3, ज्येष्ठा 2,3,4, मूल 1,2 ।

मेष वर्ग : श, ष, स, ह – पुनर्वसु 3,4, पुष्य 1,2,3, हस्त 2, शतभिषा 2,3,4, पूर्वा भादप्रद 1,2 (श को स मानने के आधार पर )


जिस क्रम से वर्ग निर्धारित किए गए है, प्रत्येक वर्ग से पाचवा वर्ग शत्रु वर्ग होता है :
गरुड़ और सर्प आपस में पारस्परिक शत्रु है ।
मार्जार और मूषक आपस में पारस्परिक शत्रु है ।
सिंह और मृग आपस में पारस्परिक शत्रु है ।
श्वान और मेष आपस में पारस्परिक शत्रु है ।
इसलिए जातक को अपनी नाम राशि के अनुसार वर्ग के पारस्परिक शत्रु वर्ग नामाक्षर नाम के जातक या शहर या कंपनी से बचना चाहिए ।

उदाहरण के तौर पर मेरा नाम  “विजय” है जो ‘मृग’ वर्ग में आता है और मृग का शत्रु वर्ग ‘सिंह’ है जिस के अक्षर च, छ, ज, झ, ञ है । इन नाम के जातक जैसे ‘चन्द्रस्वामी’ , ‘चन्दन’ , ‘जावेद’ आधी से मुझे बचना चाहिए और इन नाम से शहर जैसे चंडीगढ़, चेन्नई , छतरपुर, झांसी आधी शहर में सफलता मिलने में परेशानी होगी । (अगर कोई नौकरी करता है तो इन शहर में न जाए ) । इन अक्षर की कंपनी ‘जिंदाल स्टील’, ‘जे के लक्ष्मी सीमेंट’, ‘चंबल पावर’, आधी  नही जॉइन न करे।

गुरुवार, 8 मार्च 2018

बहुत प्राचीन विधि - ताश के पत्तों से भविष्यफल

ज्योतिष मे ताश के पत्ते :मनुष्य के जीवन में क्या क्या घटित हो रहा है, या क्या क्या घ टित होगा, अच्छा होगा या बुरा होगा, मेरी समस्या का समाधान होगा या नहीं, ऐसे अनेक प्रश्न जीवन के प्रत्येक पल में सामने होते है सभी को ज्ञान है कि जो भी होगा ईश्वर की इच्छा अनुसार होगा फिर भी तीव्र जिज्ञासा भविष्य को जानने की होती है भविष्य को जाननेकी अनेको विधियां हमारे समक्ष है. किसी का विश्वास कहीं पर है तो किसी का किसी दूसरी विद्या पर है भविष्य जानने की इच्छा सभी में प्रबल होती है उन्ही विद्याओ में ताश का भी महत्वपूर्ण स्थान है जिसे हम अपना टाइम पास करने के लिए प्रयोग करते है। कुछ जादू के प्रयोग से भी मनोरंजन करते है.। ताश के बावन पत्ते और एक जोकर इसी प्रकार से साल मे बावन सप्ताह. ताश के पत्तों से भविष्यफल-----

1-हूकुम, 2-पान,3-ईंट,
4- चिड़िया!
 ताश के पत्तों से भविष्य जानने की विधि---

 ताश के पत्तों से भविष्य जानने के लिए 32 पत्तों की आवश्यकता होती है! ताश के 52 पत्तों में से 20 पत्ते निकाल दें! 2,3,4,5,6 हूकुम के, इसी प्रकार 5
ईंट के, 5 पान के और 5 चिड़िया के पत्ते
 पत्ते निकाल देने पर 32 पत्ते रह जायेंगे [राजा, रानी, गुलाम, एक्का 7,8,9,10]

1-हूकुम के पत्तों से साधारण बीमारी, चिंता, धन, हानि और प्रेम में धोखा जानना।
2-ईंट के पत्तों से महत्वाकांक्षा और पूर्ति, धन का आना और विभिन्न 2 कार्य-क्षेत्रों में मिलाने वाली सफलता का पता चलता है।
3-पान के पत्ते से कार्यक्षेत्र की अच्छे समाचार,
उद्यमशीलता, प्यार, प्यार में सफलता, विवाह
आदि का पता चलता है।
4-चिड़िया के पत्तों से भाग्यशाली समझा जाता है! उद्यम के क्षेत्र में सफलता का ज्ञान होता है। प्रत्येक पते के रंग और अंक का अर्थ और विशेषता अलग
अलग होता है।

 प्रयोग विधि--ताश की 32
पत्तों वाली गड्डी को अच्छी तरह से फेंट कर अपने
बाएं हाथ काट लिजये और अलग किये पत्तों के सबसे
निचे वाले पत्ते को देखिये और उसको निकाल कर बांये
तरफ मेज पर रख दें। अब बाकी बची हुई गड्डी में से ऊपर के 6 पत्ते निकाल दें व 7 पत्ते को देखें, इस 7वे पत्ते को पहले निकाले हुये पत्ते के दाहिनी ओर रख दें।

पहला पता चारों ओर की परिस्थितियों के बारे में
बताता है
और दूसरा निकाला पत्ता प्रश्न के उत्तर
बताता है। दूसरे पत्ते के द्वारा जातक की भविष्यावानी होती है।
याद रहे अगर पत्ते दोनों एक समान हो तो भविष्य बहुत अच्छा समझा जाता है।

हूकुम राजा---हूकुम का राजा एक काला व्यक्ति,
एक शिक्षित व्यक्ति, जंगल, चकित्सक, लेखक और
कलाकार हो।
हूकुम की रानी--एक काली स्त्री, विधवा,एक
प्रतिष्ठित स्त्री, प्रतिष्टित पेशे से जुडी हुई स्त्री।
हूकुम का गुलाम--काला जातक, अविवाहित,
संदेशवाहक,गंवार, चापलूस।
हूकुम का 10--आंसू, अप्रसंता, ईर्ष्या,सगाई,या विवाह
का अचानक टूट जाना।
हूकुम का 9--मृत्यु का समाचार, किसी रिश्तेदार
या मित्र से सम्बंधित शोक।
हुकुम का 8--बीमारी, बुद्धिमता की कमी,
बुरा समाचार, उदासी।
हूकुम का 7--अत्यधिक आशा, आशा, अच्छा भविष्य,
प्रसंता।
ईक्का--दस्तावेज, परित्यक्त।

ईंट के पत्ते--
राजा--विवाह, निष्ठावान, उच्च पद प्रतिष्ठित,
गौरवर्ण जातक,।
रानी--हलके वालों वाली स्त्री, छोटे शहर
का निवासी, गप्पबाजी, अकीर्ति।
गुलाम--नीच जाती का गौरवर्ण व्यक्ति, संदेशवाहक,
अविश्वासी मित्र।
ईक्का--एक चट्ठी या दस्तावेज की प्राप्ति,
चिंता का कारण।
10--सोना, चांदी, पानी, समुद्र, एक यात्रा, स्थान
परिवर्तन।
9--जीत, प्रसन्ता, विजय, एकता, सामंजस्य, कार्य,
उपहार।
8--गौरवर्ण की स्त्री से विशेष लगाव, सफलतापूर्वक
उत्तरदायित्व का निर्वाह, भोजन।
7--वर्तमान में दृढ़ता, सुखद समाचार, आनन्दित होने
और हंसाने-हंसाने का समय।

पान के पत्ते--
राजा-- हलके वालों वाला पुरुष, एक वकील,एक
प्रतिष्ठित मित्र, उदार व्यक्ति।
रानी--हलके वालों वाली स्त्री, विश्वासी मित्र,
भद्र स्त्री, मित्रों से मुलाक़ात।
गुलाम-- हलके वालों वाला अविवाहित व्यक्ति,
वर्दी में एक युवा अधिकारी, एक यात्री, प्रेम पत्र के
प्रति गंभीर।
ईक्का--धर, उत्सवी,माहौल, एक प्रेम पत्र, रुचिपूर्ण
बातचीत।
रुपियों से भरी थैली, अत्यधिक संपतिशाली।
10--शहर, ईर्षालू, व्यक्ति, नासमझ।
9-- जीत, प्रसंता, विजय, एकता, सामंजस्य,कार्य,
उपहार।
8--गौरवर्ण की स्त्री से विशेष लगाव, सफलता पूर्वक
उत्तरदायित्व का निर्वाह, भोजन।
7--वर्तमान में दृढ़ता, सुखद समाचार, आनंदित होने और हंसाने का समय।

चिडी के पत्ते--
राजा-- गौरवर्ण का जातक, स्पष्टवादी, खुले
विचारों वाला, अच्छा मित्र, विश्वासी, निर्भर,
ईमानदार और गुणी।
रानी--भूरे वालों वाली स्त्री, बातूनी, स्नेहदिल,
तुनकमिजाज, प्रेमी।
गुलाम-- काला या भोंडा जातक, अविवाहित
व्यक्ति, एक प्रेमी, उद्मशील, छलप्रेमी।
ईक्का--रुपियों से भरी थैली, अत्यधिक संपतिशाली।
10-- घर, भविष्य, प्रसिद्धि, भाग्यवान,
सफलता,प्रत्येक कार्य में भाग्यशाली।
9--खुद के धन को गिरवी रखना, साजोसामान, चल-
सम्पति, एक नासमझ, लापरवाह।
8--गौरवर्ण स्त्री से विशेष लगाव, खुश रखने की कला,
छोटी आयु में प्यार होना।
7--नकदी की कमी, पुराने कर्ज का भुगतान, एक
छोटा बच्चा, छोटे निवेश करेगा।

इस शकुन ज्योतिष (ताँस के पत्ते) द्वारा ...कुछ दिनों के अभ्यास से सहजता से भविष्य फल करने लगेंगे।।

विशिष्ट पोस्ट

नक्षत्र स्वामी के अनुसार पीपल वृक्ष के उपाय

ज्योतिष शास्त्र अनुसार प्रत्येक ग्रह 3, 3 नक्षत्रों के स्वामी होते है. कोई भी व्यक्ति जिस भी नक्षत्र में जन्मा हो वह उसके स्वामी ग्रह से स...