शुक्रवार, 19 जुलाई 2024

सप्तम भाव- शादी चलेगी या नही?



कुंडली में शनि की स्थिति और विवाह उपाय 

शादी होना और शादी चलना यह दो अलग अलग बात है, कई बर ऐसी स्थिति पति-पत्नी के बीच बन जाती है कि शादी का रिश्ता टूटने की स्थिति में आ जाता है और बात तलाक आदि तक पहुँच जाती है।आज इसी विषय पर बात करते हैं यदि पति-पत्नी के बीच दूरियां हो गई है तो क्या शादी सही होकर चल पाएगी या नही और कैसे ठीक होगी?                                शादी में पति-पत्नी के बीच तब ही दूरियां बनती है मतलब अलग होने जैसी स्थितियां या तलाक आदि जैसी स्थितियां बनती है जब कुंडली का सातवाँ भाव(शादी भाव) और इसका स्वामी आदि पाप/अशुभ ग्रहों जैसे शनि राहु केतु मंगल/छठे आठवे बारहवे भाव स्वामियों या अस्त होकर बैठे अशुभ ग्रहों से दूषित होता है।तब इन पाप और अशुभ ग्रहों का 7वे भाव या 7वे भाव स्वामी या 7वे भाव-7वे भाव स्वामी दोनों पर इनका अशुभ प्रभाव पड़ता है लेकिन यदि सातवे भाव की स्थिति कही न कही शुभ और बलवान हुई, शुभ और अनुकूल ग्रहों का प्रभाव सातवे भाव/सातवे भाव स्वामी पर हुआ मतलब शादी चलने की स्थिति कुंडली मे है तो जो ग्रह वैवाहिक जीवन मे दिक्कत कर रहे है उनके उपाय करने के बाद शादी सही चलने लगती है और वैवाहिक जीवन सुखमय होने लगेगा।कैसे अब इस बात को उदाहरणो से समझते है कि शादी कैसी चल पाएगी, कैसे वैवाहिक जीवन मे दूरियां आदि होने पर वैवाहिक जीवन सुख से चल पाएगा?                                                          उदाहरण अनुसार मेष लग्न 1:- मेष लग्न में सातवें भाव का स्वामी शुक्र बनता है अब शुक्र के साथ राहु बैठा हो और कही न कही राहु या अन्य किसी पाप ग्रह जैसे शनि मंगल या केतु में से किसी का प्रभाव हो या तब शादी के बाद पति पत्नी में दूरियां जैसी स्थितिया ,वैवाहिक जीवन मे परेशानियां जैसी स्थितियां बनेगी, लेकिन अब विवाह स्वामी शुक्र यहां भाग्य स्वामी शुभ ग्रह बृहस्पति के साथ हो और गुरु की दृष्टि भी 7वे भाव पर पड़े तब शादी उपाय करने से ठीक हो जाएगी, परेशानियां जो भी विवाह सम्बन्धी होगी खत्म हो जाएगी दिक्कत करने वाले ग्रहों के शांति के उपाय करने से।                                                       

उदाहरण अनुसार कर्क लग्न 2:- कर्क लग्न में सातवें भाव(विवाह भाव)स्वामी शनि बनता है अब शादी यहाँ अस्त होकर रह केतु के साथ बैठा हो और सातवाँ भाव भी थोड़ा कमजोर हो तब वैवाहिक जीवन तलाक को ओर जाएगा, पति पत्नी में दूरियां बढ़ेगी, वैचारिक मतभेद आदि के कारण, लेकिन यही ऐसी स्थिति में सातवें भाव का स्वामी शनि जो राहु केतु के साथ है उस शनि के साथ गुरु शुक्र जैसी शुभ ग्रह भी बैठे हो तब शादी खण्डित नही होगी भले ही दूरियां हो जाये पति पत्नी में, अब यहां जो ग्रह दूरियां और दिक्कत कर रहे है उनकी शांति के उपाय करके शादी यहाँ पूरी तरह सही हो जाएगी क्योंकि सातवे भाव स्वामी शनि के साथ विवाह सुख के कारक दो शुभ ग्रह साथ बैठे है।                                                                    अब एक उदाहरण से समझते है कब शादी ठीक नही हो सकती या वैवाहिक जीवन मे पति पत्नी में दूरियां होने के बाद कब शादी नही सही हो सकती?                                         उदाहरण अनुसार कुंभ लग्न 3:- कुंभ लग्न में सातवें भाव का स्वामी सूर्य होता है ,अब सूर्य के साथ सूर्य का परम शत्रु राहु साथ बैठा हो और सातवें भाव मे कोई अस्त या छठे भाव का स्वामी यहाँ कुंभ लग्न में चन्द्रमा होता है यह सातवे भाव मे अस्त होकर या बहुत कमजोर होकर बैठे और सूर्य+सातवे भाव पर शुक्र+बुध या, गुरु प्रभाव ऐसी स्थिति में न हो तब यहां शादी नही चल पाएगी, तलाक या बिना तलाक अलग रहना पड़ेगा।                                                                          इस तरह यदि वैवाहिक जीवन मे दूरियां, दोनो पति पत्नी आपस मे अलग है, पति पत्नी आपस मे न बनने के कारण, वैचारिक मतभेद आदि के कारण तब यदि कुंडली में बचाब के योग है तब उपायों से ऐसी स्थिति में शादी बच जाएगी, वरना दोनों का तलाक होगा।

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