शनिवार, 9 दिसंबर 2017

विंशोत्तरी दशा की गणना

विंशोत्तरी दशा गणना एवं इसका आप प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के ग्रंन्थों में अनेक दशाओं का वर्णन किया गया हैं परन्तु सरल, लोकप्रिय, सटीक एवं सर्वग्राह्य विंशोत्तरी दशा ही है. कृ्ष्णमूर्ति पद्धति में भी इसी दशा का प्रयोग किया जाता है.सूर्य आत्मा का, चन्द्रमा मन का, मंगल बल का, बुध बुद्धि का, गुरु जीव का, शुक्र स्त्री का और शनि आयु का कारक है. फलादेश देश, काल और परिस्थिति को ध्यान में रखकर करना चाहिए फलादेश में परिस्थिति का ध्यान रखना आवश्यक है. जब एक यात्री जंगल से, रेगिस्तान से, नदी से और शहरों की सड़कों एवं गलियों से गुजरता है तो तरह-तरह के मनोभावों का अनुभव करता है. उसी प्रकार हम जन्म से मृ्त्यु तक ग्रहों के प्रभाव से विभिन्न प्रकार की सुखद एवं दु:खद घटनाओं से प्रभावित होते है.

ग्रह उच्च राशि में हो तो नाम, यश प्राप्त होता है तथा ग्रहों के अशुभ होने पर कष्ट प्राप्त होता है. जन्म नक्षत्र से दशा स्वामी किस नक्षत्र में है ये देखना आवश्यक है. यदि वह क्षेम, सम्पत्त, मित्र या अतिमित्र तारें में है तो शुभ फल प्राप्त होते है.

विंशोत्तरी दशा की गणना

जन्म के समय कितनी दशा शेष है इसकी गणना चन्द्र स्पष्टीकरण से की जाती है माना जन्म समय चन्द्र मेष राशि में 10 डिग्री 15 मिनट का है. मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र 0 से 13 डिग्री 20 मिनट तक रहता है. अर्थात चन्द्र अश्विनी नक्षत्र के 10 डिग्री 15 मिनट तक भोग चुका है. शेष 3 डिग्री 5 मिनट भोगना बचा है. अश्विनी नक्षत्र का स्वामी केतु है जिसकी दशा 7 वर्ष की है. अत: दशा वर्ष शेष = 3 डिग्री 5 मिनट = 185 मिनट ना में घटी पल का उपयोग नहीं किया गया है. डिग्री मिनट का उपयोग आधुनिक व सरल है. हमने 13 डिग्री 20 मिनट को मिनटों में बदल दिया तो हमें 800 मिनट मिलते है.

महादशा के वर्ष

सूर्य = 6 वर्ष

चन्द्र = 10 वर्ष

मंगल = 7 वर्ष

बुध = 17 वर्ष

गुरु = 16 वर्ष

शुक्र = 20 वर्ष

शनि = 19 वर्ष

राहु = 18 वर्ष

केतु = 7 वर्ष


अन्तर दशा की गणना

माना शुक्र में शुक्र का अन्तर निकालना है तो महादशा वर्ष x महादशा वर्ष करें. इकाई का तीन गुना दिन होगा शेष माह होगें. जैसे 20 x 20 = 400, 0 दिन = 40 माह अर्थात 3 वर्ष 4 माह का अन्तर होगा. शुक्र में सूर्य का अन्तर भी इसी प्रकार होगा 20 x 6 = 120 दिन = 12 माह = 1 वर्ष

शुक्र में चन्द्र का अन्तर = 20 x 10 = 200 दिन = 20 माह = 1 वर्ष 8 माह

शुक्र में मंगल का अन्तर = 20 x 7 = 140 दिन = 14 माह = 1 वर्ष 2 माह

शुक्र में राहु का अन्तर = 20 x 18 = 360 दिन = 36 माह = 3 वर्ष

शुक्र में गुरु का अन्तर = 20 x 16 = 320 दिन = 32 माह = 2 वर्ष 8 माह

शुक्र में शनि का अन्तर = 20 x 19 = 380 दिन = 38 माह = 3 वर्ष 2 माह

शुक्र में बुध क अन्तर = 20 x 17 = 340 दिन = 34 माह = 2 वर्ष 10 माह

शुक्र में केतु का अन्तर = 20 x 7 = 140 दिन = 14 माह = 1 वर्ष 2 माह


प्रत्यन्तर दशा की गणना

यह तृ्त्तीय स्तर की गणना है. जिस प्रकार 120 वर्ष में समान अनुपात में गणना की जाती है, उसी प्रकार अन्य स्तर की भी गणना की जाती है. शुक्र में शुक्र का अन्तर 3 वर्ष 4 माह अर्थात 40 माह है. 120 वर्ष में 20 वर्ष शुक्र के हैं अत: 1 वर्ष में 20 / 120 = 1/ 6 अत: 40 माह में = 40 x 1/ 6 = 6 माह 20 दिन

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