गुरुवार, 11 जनवरी 2018

पित्र दोष दूर करने का सटीक उपाय

पित्र दोष दूर करने का सटीक उपाय
सूर्य पिता का कारक होता है और कुंडली मे 5,9,10 व लग्न भाव पिता के कारक होते है।पंचम भाव इसलिए कारक होता कि वह नवम भाव से नवम होता है अर्थात पिता के पिता यानी पूर्वज होता है काल पुरुष की कुंडली मे पंचम भाव सिंह राशि का होता है अर्थात पिता का घर और 12 भाव को मोक्ष्य का भाव माना जाता है।अर्थात सिंह से 12 वां भाव मोक्ष्य यानी कर्क राशि होती है।कर्क राशि की रेखा उज्जैन से होकर गुजरती है औऱ वहां सिद्धवट नामक स्थान पर जहां से कर्क रेखा गुजरती है वहां पर पूरी विधि विधान से पित्र शांति का अनुष्ठान करवाए ओर तर्पन दे निश्चित ही लाभ मिलेगा।

जब तक ऊपर सुझाए उपाय नही कर सको तो निम्न उपाय करने चाहिए
1 अमावश्या के दिन पित्रो के नाम पर किसी विद्वान,संत,ब्राह्मण को भोजन कराएं व दान दक्षिणा देकर विदा करें।
2 अमावश्या के दिन से शुरू कर के प्रतिदिन जल रखने के स्थान पर श्याम के समय सुहागिन स्त्री पूरी तरह से सज धज कर साड़ी का पल्लू सर पर रख कर दुल्हन के वेश में होकर एक घी का दीपक अपने पूर्वजों के नाम का जलाए।
3 श्याम के समय रसोईघऱ को पूरी तरह से पवित्र कर के एक ताम्र पात्र में जल भरकर रसोईघर में खाना बनाने के स्थान पर पूर्वजों के नाम से नित्य ढककर रख देना चाहिए और सुबह उठ कर उस पात्र के जल को तुलसी,पीपल,नीम या किसी देव वृक्ष पर अर्पित कर देना चाहिए
4 प्रतिदिन पूर्वजों के नाम की कम से कम 5 आहुतियां देकर हवन करना चाहिए और नियमित पित्रों के नाम से जल अर्पित(तर्पण) करना चाहिए
5 रोज सुबह जल्दी उठकर पितृतुल्य बुजुर्ग या मातृतुल्य स्त्री के चरण स्पर्श कर के उनका आशीर्वाद लेने चाहिए

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