*कुंडली ना हो तो भी ग्रहों को अनुकूल किया जा सकता है?*
*अक्सर इंसान बहुत सी परेशानी से जूझता रहता है और सोचता है के काश उसके पास जन्म कुंडली हो तो किसी से पूछ लेता।*
*अगर इन्सान अपने आचार व्यवहार सही रखे तो ग्रह अपने आप ही अनुकूल हो जाते है।*
*1 :- माता-पिता की सेवा। (सूर्य-चन्द्र)*
*2 :- गुरु और वृद्ध जानो के प्रति सेवा और आदर भाव। (वृहस्पति)*
*3 :- देश -भक्ति की भावना। (शनि )*
*4 :- मजबूर और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के प्रति स्नेह भाव (शनि )*
*5:- अपने रक्त -सम्बन्धियों ,बहन-भाई आदि के साथ स्नेह और कर्तव्य भाव। (मंगल)*
*6 :- नारी जाति के प्रति सम्मान और श्रद्धा भाव। (शुक्र)*
*7 :- मधुर और अच्छी भाषा का प्रयोग। (बुध)*
*8 :- इस धरा के समस्त प्राणी -मात्र के प्रति दया भाव। (राहू-केतु)*
*अक्सर इंसान बहुत सी परेशानी से जूझता रहता है और सोचता है के काश उसके पास जन्म कुंडली हो तो किसी से पूछ लेता।*
*अगर इन्सान अपने आचार व्यवहार सही रखे तो ग्रह अपने आप ही अनुकूल हो जाते है।*
*1 :- माता-पिता की सेवा। (सूर्य-चन्द्र)*
*2 :- गुरु और वृद्ध जानो के प्रति सेवा और आदर भाव। (वृहस्पति)*
*3 :- देश -भक्ति की भावना। (शनि )*
*4 :- मजबूर और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के प्रति स्नेह भाव (शनि )*
*5:- अपने रक्त -सम्बन्धियों ,बहन-भाई आदि के साथ स्नेह और कर्तव्य भाव। (मंगल)*
*6 :- नारी जाति के प्रति सम्मान और श्रद्धा भाव। (शुक्र)*
*7 :- मधुर और अच्छी भाषा का प्रयोग। (बुध)*
*8 :- इस धरा के समस्त प्राणी -मात्र के प्रति दया भाव। (राहू-केतु)*
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