अपने ईष्टदेव को पहचानने के लिए आपको आपकी जन्म-कुंडली की आवश्यकता होगी। जन्म कुंडली को ध्यान से देखें उसमें जिस स्थान पर ग्रहों के अंश दिए गए होते हैं वहां किस ग्रह को सबसे अधिक अंश प्राप्त हैं। जिस ग्रह को सबसे अपने ईष्टदेव को पहचानने के लिए आपको आपकी जन्म-कुंडली की आवश्यकता होगी। जन्म कुंडली को ध्यान से देखें उसमें जिस स्थान पर ग्रहों के अंश दिए गए होते हैं वहां किस ग्रह को सबसे अधिक अंश प्राप्त हैं। जिस ग्रह को सबसे अधिक अंश प्राप्त होंगे वो ग्रह आपकी कुंडली का आत्मकारक ग्रह कहलाता है। ये ग्रह ही आपके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यही ग्रह बताता है कि हमारे ईष्टदेव कौन-से हेै
1. सूर्य- सूर्य आपके आत्म्कारक ग्रह हैं तो भगवान विष्णु और उनके अवतार भगवान राम आपके ईष्ट देवता होंगे।
2.चंद्रमा- भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान कृष्ण ईष्ट देव होंगे।
3.मंगल- मंगल आत्म्कारक ग्रह होने पर हनुमान, भगवान कार्तिकेय और नरसिंह भगवान आपके ईष्टदेवता होंगे।
4. बुध- भगवान गणेश और माता दुर्गा आपके ईष्ट देव होंगे।
5. बृहस्पति- भगवान विष्णु और उनके वामन अवतार आपके ईष्ट देवता होंगे अगर बृहस्पति आपके आत्म्कारक ग्रह हैं।
6. शुक्र- माता लक्ष्मी और परशुराम अवतार आपके ईष्ट देवता होंगे।
7.शनि- भैरव, यमराज, कुर्मावतार और हनुमान जी आपके ईष्ट देवता होंगे।
8.राहु- माता सरस्वती और शेषनाग आपके ईष्ट देवता होंगे।
9. केतु- भगवान गणेश और मत्स्य अवतार आपके ईष्ट देवता होंगे।
ईश्वर एक हैं और उन्होंने हमारी सुविधा के लिए इतने सारे अवतार लिए हैं चाहे उनकी जिस रूप में पूजा करो, वो पूजा लगती उसी ईश्वर को लगती है। इसलिए ये बात हमेशा ध्यान रहनी चाहिए कि किसी के धर्म और रास्ते को गलत नहीं बताना चाहिए
अंश प्राप्त होंगे वो ग्रह आपकी कुंडली का आत्मकारक ग्रह कहलाता है। ये ग्रह ही आपके जीवन में महत्वपूर्ण है
1. सूर्य- सूर्य आपके आत्म्कारक ग्रह हैं तो भगवान विष्णु और उनके अवतार भगवान राम आपके ईष्ट देवता होंगे।
2.चंद्रमा- भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान कृष्ण ईष्ट देव होंगे।
3.मंगल- मंगल आत्म्कारक ग्रह होने पर हनुमान, भगवान कार्तिकेय और नरसिंह भगवान आपके ईष्टदेवता होंगे।
4. बुध- भगवान गणेश और माता दुर्गा आपके ईष्ट देव होंगे।
5. बृहस्पति- भगवान विष्णु और उनके वामन अवतार आपके ईष्ट देवता होंगे अगर बृहस्पति आपके आत्म्कारक ग्रह हैं।
6. शुक्र- माता लक्ष्मी और परशुराम अवतार आपके ईष्ट देवता होंगे।
7.शनि- भैरव, यमराज, कुर्मावतार और हनुमान जी आपके ईष्ट देवता होंगे।
8.राहु- माता सरस्वती और शेषनाग आपके ईष्ट देवता होंगे।
9. केतु- भगवान गणेश और मत्स्य अवतार आपके ईष्ट देवता होंगे।
ईश्वर एक हैं और उन्होंने हमारी सुविधा के लिए इतने सारे अवतार लिए हैं चाहे उनकी जिस रूप में पूजा करो, वो पूजा लगती उसी ईश्वर को लगती है। इसलिए ये बात हमेशा ध्यान रहनी चाहिए कि किसी के धर्म और रास्ते को गलत नहीं बताना चाहिए
अंश प्राप्त होंगे वो ग्रह आपकी कुंडली का आत्मकारक ग्रह कहलाता है। ये ग्रह ही आपके जीवन में महत्वपूर्ण है
Mere jivan ka marg darsha kare , mai koun sa busness karu ki usme mujhe purn safalta mile aue adhik se adhik aay prapat ho. Jantithi 24/05/1977 time 22:58 sthan bhatni bazar deoria u.p. 274701 pin
जवाब देंहटाएंDate of birth- 09/07/1986
जवाब देंहटाएंTime 1.20am
Hojai (Assam)
गुरु जी नमस्कार🙏 जीवन बड़ा ही कठिनाई परिस्थिति में चल रहा है, ,भाग्य उदय कब होगा ? आर्थिक स्थिति बहुत खराब है, कौन सा काम में मुझे सफलता मिलेगा, शादी कब तक हो जाएगी।