मंगलवार, 26 सितंबर 2017

शनि मंगल का विध्वंशक संबंध

कालपुरुष की पत्रिका मे शनि दशम व एकादश भाव तथा मंगल प्रथम व अष्टम भाव का प्रतिनिधित्व करते हैं किसी की भी पत्रिका मे इन दोनों ग्रहो का युति अथवा दृस्टी संबंध जातक विशेष को गुप्त रूप से कर्म कर लाभ प्राप्त करने जैसे फलो की पुष्टि करता हैं जिससे जातक विशेष के चरित्र पर एक प्रश्न चिह्न लग जाता हैं इसके अतिरिक्त प्रत्येक कुंडली मे इन दोनों ग्रहो के भाव स्थान व उनके संबन्धित कारको को भी देखा जाना चाहिए | प्रस्तुत लेख मे हमने ऐसी ही लगभग 200 कुंडलियो का अध्ययन कर कुछ इस प्रकार के नतीजे प्राप्त किए |
ज्योतिष का हर जानकार शनि ग्रह को धरती पर होने वाली सभी बुरी घटनाओ का प्रतीक व कारक मानता हैं संसार मे होने वाले कष्ट,दुख,संताप,मृत्यु,अपंगता,विकलता,दुष्टता,पतन,युद्ध,क्रूरता भरे कार्य,अव्यवस्था,विद्रोह इत्यादि का कारक ग्रह यह शनि ही माना जाता हैं किसी की भी कुंडली मे इसकी स्थिति बहुत महत्व रखती हैं जैसे यह कहा जा सकता हैं की दूसरे भाव मे शनि वैवाहिक जीवन व धन हेतु अशुभ होता हैं जबकि चतुर्थ भाव मे यह कष्टपूर्ण बचपन का प्रतीक बनता हैं इसी प्रकार दशम भाव का शनि पाप प्रभाव मे होने से अपनी दशा मे जातक को ऊंचाई से गिराता हैं अथवा ऊंचे पद से धरातल मे ले आता हैं | इस शनि का सूर्य चन्द्र से सप्तम मे होना हमेशा बुरे परिणाम देता हैं वही गुरु के साथ होने पर यह शनि गुरु दशा मे परेशानी अवश्य प्रदान करता हैं |
इसी प्रकार मंगल ग्रह को धरती पर होने वाले विस्फोटो,हमलो,अग्निकांडों,युद्धो,भूकंपो इत्यादि का कारक माना जाता हैं जातक विशेष की पत्रिका मे यह मंगल दोष के अतिरिक्त कुछ अन्य भावो मे भी हानी ही करता हैं जैसे तृतीय भाव मे यह भात्र सुख मे कमी प्रदान कर अत्यधिक साहसी प्रवृति देता हैं तथा पंचम भाव मे यह तुरंत निर्णय लेने की घातक सोच प्रदान करता हैं |
हमारे ज्योतिष शास्त्रो मे शनि मंगल के संबंध वाले जातक के विषय निम्न बातें कही गयी हैं “ऐसा जातक वक्ता,जादू जानने वाला,धैर्यहीन,झगड़ालू,विष व मदिरा बनाने वाला,अन्याय से द्रव प्राप्ति करने वाला,कलहप्रिय,सुख रहित,दुखी निंदित,झूठी प्रतिज्ञा करने वाला अर्थात झूठा होता हैं | हमने अपने अध्ययन मे काफी हद तक यह बातें सही पायी हैं इसके अतिरिक्त भी कुछ अन्य बातें हमें अपने इस अध्ययन के दौरान प्राप्त हुयी |
इन दोनों ग्रहो का एक अजीब सा रिश्ता हैं मंगल जहां शनि के घर मे ऊंच का होता हैं वही शनि मंगल के घर मे नीच का हो जाता हैं यह दोनों एक मात्र ऐसे ग्रह हैं जो समसप्तक हुये बिना भी एक दूसरे से दृस्टी संबंध बना सकते हैं | ऐसे मे इन दोनों ग्रहो की युति अथवा दृस्टी जातक विशेष की कुंडली मे क्या परिणाम देती हैं आइए कुछ कुंडलियो द्वारा जानने का प्रयास करते हैं |
1)यह संबंध जातक विशेष को आत्महत्या करने पर मजबूर करता हैं | उदाहरण के लिए निम्न कुण्डलिया देखी जा सकती हैं |
1)श्री राम जी की कर्क लग्न की पत्रिका मे शनि और मंगल (सप्तमेश-अष्टमेश व पंचमेश-कर्मेश ) की लग्न व दशम भाव पर दृस्टी हैं जिनके मिले जुले प्रभावों से सभी जानते हैं की श्री राम ने जलसमाधि लेकर आत्महत्या करी थी |
2)29/4/1837 को मिथुन लग्न मे जन्मे इस ने जातक फ्रांसीसी सेना मे जनरल के पद पर रहते हुये फ्रांस के युद्धो मे बहुत नाम कमाया था 1889 मे इन्हे शत्रुतापूर्ण कारवाई के चलते पद से हटा दिया गया 1890 मे इनकी पत्नी की भी मृत्यु हो गयी जिससे निराश होकर इन्होने 30/9/1891 मे आत्महत्या कर ली थी | इनकी पत्रिका मे भी मंगल शनि का दृस्टी संबंध हैं |3)हिटलर (20/4/1889) तुला लग्न की इस पत्रिका मे शनि मंगल का दृस्टी संबंध हैं जो सप्तमेश चतुर्थेश का संबंध हैं जिससे हिटलर को सिंहासन व पद प्राप्ति की अदम्य असंतुष्टि की भावना प्राप्त हुई और वह अपनी तानाशाही प्रवृति की और उन्मुख होकर विश्व मे विवादित व्यक्ति के रूप मे जाना गया इन्ही ग्रहो के लग्न पर प्रभाव ने उसे आत्महत्या करने को मजबूर किया |
इसी प्रकार 4)25/7/1966 सिंह लग्न,5)27/4/1967 मीन लग्न,6)18/3/1957 कर्क लग्न,7)31/1/1973 कन्या लग्न,8)9/3/1989 कन्या लग्न,9)6/10/1985                कर्क लग्न,10)18/12/1959 वृश्चिक लग्न,11)25/7/1966 सिंह लग्न,12)11/9/1905 मकर लग्न,13)20/10/1912 तुला लग्न,14)9/3/1894 धनु लग्न,15)27/12/1974 मीन लग्न,16)25/12/1917 कन्या लग्न,17)5/9/1967 मीन लग्न,18)23/7/1931 वृश्चिक लग्न,19)13/11/1970 मीन लग्न,20)2/4/1929 मिथुन लग्न,21)20/4/1934 मकर लग्न,22)28/10/1994 कर्क लग्न इन सभी जातको की पत्रिका मे शनि मंगल का संबंध हैं अथवा शनि मंगल किसी एक भाव पर दृस्टी दे रहे हैं जिसके कारण इन सभी जातको ने आत्महत्या करी |
2) यह संबंध हिंसात्मक रूप से हत्या या दुर्घटना द्वारा मृत्यु प्रदान करता हैं |
1)ईसा मसीह (25/12/7बी सी) कन्या लग्न की इस पत्रिका मे शनि और मंगल की दृस्टी लग्न मे हैं सर्वविदित हैं की इनकी मृत्यु हत्या के रूप मे हुई थी |
2)मुसोलिनी 29/7/1883 वृश्चिक लग्न की इस पत्रिका मे शनि मंगल की सप्तम भाव मे युति होने से इनका प्रभाव लग्न पर हैं इनका कार्य व व्यक्तित्व भी काफी विवादास्परूपद रहा तथा इनकी 28/4/1945 को हिंसात्मक रूप से गोली मार कर हत्या कर दी गयीइनके अतिरिक्त 3) जॉन केनेडी (29/5/1917) कन्या लग्न,4) महात्मा गांधी (2/10/1869) तुला लग्न,5) राजीव गांधी (20/8/1944) सिंह लग्न,6) मैरी एंटोनिटी फ्रांसीसी रानी (2/11/1755)मिथुन लग्न,7) नाथु राम गोडसे (19/5/1910) मिथुन लग्न, 8) 3/8/1911 कन्या लग्न  की पत्रिकाओ मे अष्टम भाव पर तथा 9) ओसामा बिन लादेन 10/3/1957 वृषभ लग्न प्रथम भाव,10) बेनज़ीर भुट्टो 21/6/1953 धनु लग्न दशम भाव,11) 17/10/1951 वृषभ लग्न सप्तम भाव,12)अब्राहम लिंकन 12/2/1809 कुम्भ लग्न,13)ज़ुल्फिकर अली भुट्टो (5/1/1928)मिथुन लग्न,14)2/2/1923 तुला लग्न,15)मुजीब उर रहमान 17/3/1920 वृश्चिक लग्न,16)फूलन देवी (15/9/1959) मकर लग्न,इन सभी के द्वादश भाव पर मंगल शनि की दृस्टी थी जबकि 17)झांसी की रानी,18)नेपाल नरेश दोनों तुला लग्न व दोनों के लग्न पर इन दोनों ग्रहो का प्रभाव था 19)मार्टीन लूथर किंग 15/1/1929 मेष लग्न की पत्रिका मे भी मंगल की शनि पर दृस्टी थी हम सब जानते ही हैं की इन सबकी भी हत्या की गयी थी | वही  संजय गांधी 14/12/1946 मकर लग्न सप्तम भाव,माधव राव सिंधिया (9/3/1945)वृश्चिक लग्न दशम भाव पर इन दोनों ग्रहो की दृस्टी होने से इनकी दोनों की वायुयान दुर्घटना मे हिंसात्मक मृत्यु हुई तथा 24/7/1911 को तुला लग्न (सप्तम भाव ) मे जन्मे इस जातक की भी वाहन दुर्घटना मे मौत हुयी थी |
3)यह संबंध जातक को हिंसात्मक व तानाशाही प्रवृति देता हैं |
1)औरंगजेब 3/11/1618 कुम्भ लग्न की इस पत्रिका मे लग्न व दशम पर शनि मंगल का प्रभाव हैं जातक की प्रवृति हिंसात्मक व तानाशाही थी |
2)चंगेज़ खान 14/9/1186 कर्क लग्न,3)तैमुर लंग 9/4/1336 धनु लग्न,4)फिडेल कास्त्रों 13/8/1926 मिथुन लग्न,5)निकोलस जार 19/5/1868 धनु लग्न,6)ओसामा बिन लादेन 10/3/1957 वृषभ लग्न,7) हिटलर तुला लग्न, सभी की हिंसात्मक व तानाशाही प्रवृति थी | 
4)यह संबंध जातक विशेष को आपराधिक कार्य करने पर मजबूर करता हैं जिससे यह जातक हत्या,चोरी व बलात्कार जैसे कार्य कर सकते हैं |
1)12/2/1944 तुला लग्न के इस जातक ने अपनी प्रेमिका की हत्या करी |
2)5/4/1959 मिथुन लग्न के इस जातक ने दुश्मनी के चलते अपने शत्रु की हत्या करी |
3)1/2/1946 सिंह लग्न का यह जातक एक आपराधिक गैंग का सरगना था जिसकी हत्या कर दी गयी |4)27/4/1965 मीन लग्न के इस जातक को बलात्कार करने पर सजा हुई |
5)10/1/1958 वृश्चिक लग्न मे जन्मे इस जातक को गमन के आरोप मे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा |
6)11/9/1862 वृषभ लग्न बैंक फ़ंड मे गड़बड़ी के कारण 1898 मे 5 वर्ष की जेल हुई |
7)19/8/1946 कर्क लग्न मे जन्मे बिल क्लिंटन के दशम भाव मे मंगल शनि का प्रभाव हैं जिसके कारण इन्हे अपने जीवन के स्वर्णिम काल मे राष्ट्रपति रहते हुये भी सेक्स स्केण्डल का सामना करना पड़ा और इन्होने बाद मे अपना गुनाह कबुल भी किया |
इस प्रकार यह स्पष्ट रूप से कहाँ जा सकता हैं की जातक की पत्रिका मे मंगल शनि का संबंध उसे किसी न किसी प्रकार से संदेहास्पद व शंकालु चरित्र अवश्य प्रदान करता हैं और इन दोनों ग्रहो के प्रभाव मे आकर वह कुछ भी अनैतिक तथा असामाजिक कार्य कर सकता हैं |

इन सब प्रभावों के अतिरिक्त गोचर मे भी जब इन दोनों ग्रहो का किसी भी प्रकार से संबंध बनता हैं तब धरती पर बहुत ही विध्वंसकारी प्रभाव पड़ते हैं हमने यहाँ कुछ प्रभावों के विषय मे जानकारी देने का प्रयास किया हैं |
1)13/4/1919 को अमृतसर जालियावाला बाग कांड हुआ |
2)22/11/1933 को जॉन कैनेडी की हत्या हुई |
3)1/4/1939 विश्व युद्ध आरंभ हुआ |
4)18/10/1962 चीन ने भारत पर हमला किया |
5)5/6/1984 अमृतसर स्वर्ण मंदिर मे ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया |
6)2/5/2011 ओसामा बिन लादेन की हत्या अमरीकी फौज के द्वारा की गयी |
7)24/4/1974 भारत मे रेलवे की हड़ताल कारण ट्रेने रद्द कर दी गयी |
8)30/4/1945 हिटलर ने आत्महत्या करी |
9)23/8/1939 रूस व जर्मनी के बीच समझौता हुआ |
10)15/6/1973 को अमरीका व वियतनाम के बीच शांति समझौता रोक दिया गया |
11)10/2/2014 केजरीवाल की सरकार दिल्ली मे बनी व ज्यादा नहीं चली |
12)8/2/2014 मलेशिया का विमान लापता हो गया |

इन सभी उदाहरणो से यह स्पष्ट हो जाता हैं की शनि मंगल का संबंध सच मे ही एक विध्वंशक संबंध हैं जो कुंडली मे जातक विशेष के अतिरिक्त धरती पर भी अपना विध्वंशक प्रभाव ही देता हैं |

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